2012 की इंटरनेशनल बुक अवार्ड की सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक पुस्तक और 2013 में नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया अवार्ड की भी सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक पुस्तक!

परमहंस योगानंद की उत्कृष्ठ पुस्तक ‘एक योगी की आत्मकथा योगानंद जी के बारे में कम, उन संतों के बारे में ज़्यादा थी, जिनसे योगानंद जी मिले थे, इस सत्य के बावज़ूद कि योगानंद जी उन सभी से ज़्यादा महान थे।

अब, योगानंद के एक अत्यंत निकटतम और समर्पित शिष्य ने इस महान आध्यात्मिक गुरु और विश्व शिक्षक की अनसुनी दास्ताँ सुनाई। उनके किशोरवस्था के अजूबे, उनके अमेरिका आने में आई चुनौतियाँ, उनका राष्ट्रीय व्याख्यान योजना, उनके विश्व सुधार मिशन की पूर्ति में आई चुनौतियाँ, उसके दौरान आईं नासमझियाँ और कष्टदायक धोखे और अंततः उनकी इस सब पर विजय।

स्वामी क्रियानंद की अपने महान गुरु के अंदरूनी स्वभाव की सूक्ष्म पकड़ ने योगानंद जी के कई पहलुओं और असाधारण महानता को उजागर किया है। इस किताब में इतने उपआख्यान हैं, जो इससे पहले कभी किसी पुस्तक में प्रकाशित नहीं हुए।