Lineage of Gurus: Lahiri Mahasaya, Mahavatar Babaji, Jesus Christ and Krishna, Sri Yukteswar, Paramhansa Yogananda

आनन्द की स्थापना 1969 में स्वामी क्रियानन्द जी ने की, जोकि परमहंस योगानंद जी के प्रत्यक्ष शिष्य थे। परमहंस योगानंद जी पूर्ण रूप से आत्मबोध कर चुके गुरुओं की वंशावली में आखरी गुरु थे।

हमारी आध्यात्मिक वंशावली

परमहंस योगानंद

Pink LotusParamhansa YoganandaPink Lotus
1893 – 1952

योगानंद जी पहले भारतीय योग गुरु थे जिन्होंने पश्चिमी देशों में अपना स्थायी निवास बनाया। वे 1920 में अमरीका आए और अपनी महासमाधी तक वे वहीं रहे।
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स्वामी श्री युक्तेश्वर जी

Sri Yukteswar1855 – 1936

भारत के सेरामपुर शहर के स्वामी श्री युक्तेश्वर जी परमहंस योगानंद जी के गुरु थे। उन्होंने योगानंद जी को उनके पश्चिमी देशों में किये जाने वाले महान कार्य के लिए प्रशिक्षण दिया।
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लाहिड़ी महाशय

Lahiri Mahasaya
1828 – 1895

लाहिड़ी महाशय जी वे संत थे जिन्होंने क्रिया योग के प्राचीन विज्ञान को केवल संसार को त्यागे हुए साधुओं को ही नहीं बल्कि सभी निष्ठावान भक्तों को उपलब्ध किया।
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महावतार बाबाजी

Mahavatar Babajiवे बाबाजी थे, जिनको बाबाजी-कृष्ण भी कहलतें हैं, जिन्होंने क्रिया योग के प्राचीन विज्ञान को मानवता से पुनः परिचय करवाया, क्युकि, योगानंद जी के अनुसार, अन्धकार के युग में “पुजारियों की गोपनीयता और मनुष्यों की अरुचि के कारण यह पवित्र ज्ञान धीरे धीरे अप्राप्य हो गया”।
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ईसा मसीह

Jesus Christआनन्द संघ के वेदी पर ईसा मसीह की तस्वीर क्यों लगाई जाती है? आनन्द के गुरुओं की वंशावली और ईसा मसीह के बीच क्या संबंध है? क्या वे ईश्वर के एकमात्र संतान थे? वे असलियत में कौन थे?
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